कविता कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गई यार, भगवान आप सभी को दे अमन-चैन और प्यार। कविता कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गई यार, भगवान आप सभी को दे अमन-चैन और प्यार।
हाथ में कलम है दिल में जलन है, सोचता हूँ जो मैं भरम ही भरम है, हाथ में कलम है दिल में जलन है, सोचता हूँ जो मैं भरम ही भरम है,
माँ सरस्वती हँसवाहिनी माँ तू श्वेत वस्त्र धारीणी। माँ तू कमल पुष्प पदमासिनि। माँ त माँ सरस्वती हँसवाहिनी माँ तू श्वेत वस्त्र धारीणी। माँ तू कमल पुष्प पदमासि...
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
मेरे खवाबों के इस खवाब को हक़ीक़त बना दे ऐ मौला। दो दिलों की इस अधूरी दास्तां को मेर मेरे खवाबों के इस खवाब को हक़ीक़त बना दे ऐ मौला। दो दिलों की इस अधूरी दास्त...
देशहित में कल ये कदम अवश्य उठाना है, घर में ही रहना है, कहीं बाहर नहीं जाना है । देशहित में कल ये कदम अवश्य उठाना है, घर में ही रहना है, कहीं बाहर नहीं जाना ह...